इस शुक्रवार रिलीज़ हुई फिल्म शकीला (Shakeela) का दर्शकों के साथ-साथ ट्रेड पंडितों को भी इंतज़ार था। इसका एक कारण तो पंकज त्रिपाठी की ज़बरदस्त
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आज का सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि क्या हम वाकई सीरियस हैं इनसे अपने बचाव हेतु वैक्सीन डेवलप करने में!!
अमेरिका में कोई भी सरकार हो डेमोक्रेट अथवा रिपब्लिकन वह “”यहूदी लाबी”” के हितों को नजरंदाज नहीं कर सकती। ये सब नतीजा है पूरे विश्व
किसी ने दिल्ली के “समयपुर बादली थाने” का रिव्यू नहीं लिखा क्या ?
एक समय के साथ बदलती हुई पीढ़ीयो की माताओ के रवैय्ये में काफी बदलाव आया है, आजकल के बच्चे जब गलती करे तो माँ कहती
लाइफ में कितनी भी maturity दिखा दे, पर प्यार में चुतियापा सबका एक जैसा ही होता है
राजस्थान में सविता मीणा नाम की एक लड़की फिजिक्स में तीन सौ में से 0.68 नंबर, यानि एक से भी कम नंबर लाकर लेक्चरार बन
जब तक आप हो कोई तिकडम नही चल पायेगा किसी का भी ?
अप्पन ससुर के कहलियै हं एगो कार द’ दियै बरू alto ही सही नैई त अहाँक बेटी कहियो मोटरसाइकिल’क सीपा बसात पर उड़ि जयत। जनी
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